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इंडियन रेलवे का ड्रीम प्रोजेक्ट:अप्रैल 2023 में लुधियाना से कश्मीर के लिए दौड़ेगी नई ट्रेन; दुनिया का सबसे ऊंचा पुल बनेगा रास्ता, कई फायदे होंगे

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लुधियाना से श्रीनगर के बीच 501 किलोमीटर के रेल ट्रैक का निर्माण कार्य तेज गती से चल रहा है। रेल मंत्री ने अप्रैल 2023 से लुधियाना से कश्मीर के लिए ट्रेन शुरू करने का दावा किया है। चिनाब पर बने दुनिया के सबसे ऊंचे रेलवे पुल से यह ट्रेन गुजरेगी। इस ट्रेन के शुरू होने पर लुधियाना से श्रीनगर के बीच का 16 घंटे का सफर मात्र 10 घंटे में पूरा होगा। फिलहाल कटरा से बनिहाल के बीच 111 किलोमीटर के सेक्शन में काम चल रहा है।

फलों और ड्राई फ्रूट की ट्रांसपोर्टेशन होगी आसान
कश्मीर से कई तरह के फ्रूट और ड्राई फ्रूट (आलूबुखारा, सेब, आड़ू, खर्मानी, बादाम) पंजाब समेत देशभर में सप्लाई होती है। मौजूदा समय में इसकी सप्लाई सड़क मार्ग के जरिए ट्रकों में की जाती है, जो महंगी भी पड़ती है। रेल मार्ग शुरू होने पर यह सप्लाई ट्रेन के जरिए की जा सकेगी। इसमें समय तो कम लगेगा ही। महंगी ढुलाई का खर्च भी कम होगा।

कारोबारियों को फायदा
श्रीनगर, बारामुला, कंगन, बनिहाल, काजीगुंड समेत कश्मीर के कई जिलों से सर्दी का माल लेने के लिए वहां के व्यापारी लुधियाना आते हैं। इन कारोबारियों को सड़क के रास्ते लुधियाना आना मुश्किल लगता है। लुधियाना से कश्मीर तक माल ले जाने के लिए भी काफी रकम चुकानी पड़ती है। रेल मार्ग शुरू होने पर कारोबारियों को बड़ी राहत मिलेगी। इसका सीधे तौर पर फायदा लुधियाना के होजरी कारोबारियों को होगा, क्योंकि होजरी व्यापारी सड़क मार्ग के लंबे रास्ते और परेशानियों से बचने के लिए सीजन में 1 या 2 बार ही लुधियाना आते हैं। रेल मार्ग से कश्मीर से लुधियाना आसानी से पहुंचा जा सकेगा।

रास्ता पहाड़ियों में बनी सुरंगों वाला होगा
बनिहाल से श्रीनगर के बीच रेल मार्ग को पूरा किया जा चुका है। कटरा से बनिहाल के बीच रेल मार्ग में 97.6 किमी. का रास्ता बड़ी पहाड़ियों में बनी सुरंगों वाला होगा। इस रास्ते में सबसे बड़ी सुरंग 12.75 किलोमीटर लंबी है। इस रेल रास्ते में 37 पुलों का निर्माण किया जा रहा है। इसमें चिनाब नदी पर बन रहे पुल की लंबाई 1315 मीटर, आर्क स्पैन 467 मीटर और नदी तल से ऊंचाई 359 मीटर है। यह पुल दुनिया का सबसे ऊंचा पुल बन रहा है। इसका ज्यादातर काम खत्म किया जा चुका है।

अमरनाथ यात्रियों को भी आसानी
पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, यूपी, बिहार समेत अन्य राज्यों से हर साल करीब 3 लाख अमरनाथ यात्री कश्मीर में सड़क रास्ते या फिर हवाई रास्ते जाते हैं। सड़क रास्ते यात्रियों को लंबा सफर और कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। अमरनाथ यात्रियों के अलावा लाखों पर्यटक पिकनिक के लिए परिवारों समेत कश्मीर में घूमने जाते हैं। लेकिन कई परिवार सड़क का रास्ता काफी लंबा होने से जाते ही नहीं। ऐसे में अमरनाथ यात्रियों और पिकनिक मनाने के लिए कश्मीर जाने वालों के लिए भी आसानी होगी। रेल अफसरों का अनुमान है कि दिल्ली से कश्मीर तक रेल शुरू होने पर अमरनाथ यात्रियों और पर्यटकों की संख्या में भी इजाफा होगा।

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